स्मृति शेष/ इब्राहिम अलकाजी आलोक पराड़कर (अमर उजाला, 9 अगस्त 2020) ‘सुनते हैं इश्क नाम के गुजरे हैं इक बुजुर्ग, हम सब के सब फकीर उसी सिलसिले से हैं-‘ फिराक गोरखपुरी के शेर को थोड़ी फेरबदल के साथ रंजीत कपूर ने भारतीय रंगमंच के शलाका पुरुष इब्राहिम अलकाजी के निधन पर अपनी श्रद्धांजलि स्वरूप व्यक्त किया था। कहना ग़लत नहीं, सशक्त रंगकर्मियों का एक बड़ा समूह जिसने अपने कार्यों से रंगमंच, टेलीविजन और फिल्मों में महत्वपूर्ण पहचान बनाई, इसी ‘बुजुर्ग’ के कारण रंगकर्म का ‘फकीर’ बना था। अलकाजी उन ढेर सारी प्रतिभाओं के गुरु और…
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इन्हीं पत्तों में कहीं ढूंढ़ना मत, पंख हूं, आकाश है…
स्मृति/ मुकुंद लाठ आलोक पराड़कर (राष्ट्रीय सहारा, 9 अगस्त 2020) सिखाने-समझाने की कई प्रक्रियाएं होती है। इब्राहिम अलकाजी के लिए यह उनका प्रशिक्षण था तो मुकुन्द लाठ के लिए उनकी पुस्तकें, आलेख और व्याख्यान । लाठ के शोध और चिन्तन ने देश-दुनिया को कला-संस्कृति के विभिन्न पहलुओं का जिस प्रकार अध्ययन कराया, उनकी नई व्याख्याएं कीं, उन पर सवाल किए-वह उनकी दुर्लभ प्रतिभा और विद्वता से ही संभव था। इस सप्ताह हमने इन बड़ी सांस्कृतिक शख्सियतों को खो दिया है।लाठ ने हालांकि सांस्कृतिक इतिहास और संगीत पर गंभीर किया लेकिन उनकी प्रतिभा…
Read Moreमेरे सांगीतिक जीवन के आधार स्तम्भ मेरे पिता
कमला शंकर(प्रसिद्ध गिटार वादिका) सिर से पिता की छांव चली गई। 85 वर्ष की अवस्था में पिताजी 12 जून को अंतिम यात्रा को प्रस्थान कर गए। वे मेरे सांगीतिक जीवन के आधार स्तम्भ,मेरी हर सोच हर कार्य मे अविचल चट्टान की भांति खड़े रहते थे। आज मैं जो कुछ भी हूं उन्हीं के आशीर्वाद फलस्वरूप हूं। पिता जी और माता जी की पारिवारिक पृष्ठभूमि में संगीत से जुड़ाव रहा है और इसी के चलते पिता जी हारमोनियम,,बांसुरी के साथ साथ नाक से शहनाई भी बजाते थे और अपने लोगों के…
Read Moreयोगेश-कैसी है पहेली
आलोक पराड़कर (राष्ट्रीय सहारा,31 मई 2020)‘मैं अपने बारे में शैलेंद्र की लाइन कह सकता हूं-सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी, सच है दुनियावालों कि हम हैं अनाड़ी..।’ प्रसिद्ध गीतकार योगेश ने एक साक्षात्कार (इंडिया टुडे, साहित्य वार्षिकी 2017-18 ) में तीन वर्ष पूर्व यह बात कही थी। मुंबई के अपने फ्लैट में गुमनामी की जिन्दगी जी रहे योगेश किस होशियारी के ना होने की बात कह रहे थे? एक गीतकार की होशियारी तो उनमें खूब थी। अगर ना होती तो उनके ऐसे बेमिसाल गीत हमारे बीच कैसे होते, तीन पीढ़ियों…
Read Moreइरफान को कई बार देखना..
आलोक पराड़कर (राष्ट्रीय सहारा, 30 अप्रैल 2020) फिल्म अभिनेता इरफान खान की अभिनय यात्रा पर गौर करें तो हम उनकी इमेज को किस दायरे में रख पाएंगे- नशीली आंखों वाला नायक या आंखों से खौफ पैदा कर देने वाला खलनायक, बीहड़ का बागी जो हमारे ग्रामीण परिवेश के करीब है या एक पढ़ा-लिखा बौद्धिक शहरी, अपनी उधेड़बुन में खोए रहने वाला कोई स्वप्नजीवी या कई रातों तक सो न पाने वाला मनोरोगी, अंग्रेजी सही ढंग से न बोल पाने वाला हमारे मध्यमवर्गीय समाज का कोई प्रतिनिधि या हालीवुड में अपनी…
Read Moreशरद पांडेय-नारी संवेदनाओं का चितेरा
■ भूपेंद्र कुमार अस्थाना नारी भावों को अत्यंत खूबसूरती से अपने चित्रों में शरद पांडेय ने बखूबी उतारा है। वे अपने चित्रों में नारी को केंद्रीय पात्र बनाकर मार्मिक दृश्य सूत्र प्रस्तुत करने की कोशिश करते थे। चित्रों में आशा भरी नज़रें, इंतज़ार करती महिलाओं के भावों को मुख्य रूप से अपने चित्रों में स्थान देते थे। इनकी भूरे रंग की प्रधानता लिए चित्र मुख्य रूप से एक अलग प्रभाव छोड़ते हैं। इसके साथ ही लाल तथा हरे रंग का प्रयोग भी कहीं पीछे नहीं है। उनका भी अपना एक…
Read Moreनहीं रहे सनत कुमार चटर्जी
-भूपेन्द्र कुमार अस्थाना वरिष्ठ चित्रकार सनत कुमार चटर्जी (18 अक्टूबर 1935-11 अप्रैल 2017) नहीं रहे । वे 82 वर्ष के थे। आज शिमला में सुबह 10:30 बजे अंतिम सांस ली। उनका जन्म लखनऊ 18 अक्टूबर 1935 को हुआ था। उनके पुत्र हिम चटर्जी से पता चला कि वे काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे । उनका नाम “गिनीज़ बुक आफ रिकॉर्ड ” में भी शामिल है। उन्होंने लखनऊ आर्ट कॉलेज से वर्ष १९६१ में ललित कला में डिप्लोमा प्राप्त किया। वे उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी एवं अन्य…
Read Moreअंतिम श्वांस तक कला में काम करते रहे नन्द किशोर खन्ना
ललित कला अकादमी में कलाकारों ने दी श्रद्धांजलि अपने जीवन को अंतिम श्वांस तक कला के क्षेत्र में लगा देने में ही एक कलाकार अपने जीवन की सार्थकता समझता है । रचनाधर्मी बनकर कला रचता है,उसके जरिए समाज को बदलने की भी क्षमता रखता है। तभी तो उसके साकार रूप में न रहने पर दुनिया उसे वर्षों वर्ष तक भूल नहीं पाती। उसकी कलायात्रा किसी न किसी रूप में लोगों के सामने आती रहती है। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ चित्रकार एवं कला समीक्षक नन्द किशोर खन्ना भी अंतिम श्वांस तक…
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