‘छबीला रंगबाज का शहर‘ केवल आरा या बिहार की कहानी नहीं है अपितु इसमें हमारे समय की जीती जागती तस्वीरें हैं जिनमें हम यथार्थ को नजदीक से पहचान सकते हैं। राज्यसभा सांसद और समाजविज्ञानी मनोज झा ने हिन्दू कालेज में छबीला रंगबाज का शहर के मंचन में कहा कि पढ़ाई के साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में भी हिन्दू कालेज की गतिविधियां प्रेरणास्पद रही हैं। झा यहाँ हिंदी नाट्य संस्था अभिरंग के सहयोग से ‘आहंग’ द्वारा मंचित नाटक में बोल रहे थे। युवा लेखक प्रवीण कुमार द्वारा लिखित इस कहानी को रंगकर्मी…
Read MoreMonth: October 2018
कैनवास पर भी चौंकाता है असगर वजाहत का रचना संसार
दिल्ली में लगी चित्र प्रदर्शनी ये चित्र एक लेखक के बनाए हैं ऐसा नहीं लगता क्योंकि इनमे निहित विशेष ताज़गी बताती हैं कि इन्हें किसी सिद्धहस्त चित्रकार ने बनाया है। विख्यात कला समीक्षक और लेखक प्रयाग शुक्ल ने उक्त विचार सुप्रसिद्ध कथाकार – नाटककार असग़र वजाहत के चित्रों की प्रदर्शनी में व्यक्त किए। शुक्ल ने कहा कि असग़र विनम्रता से कहते हैं कि मैं चित्रकार नहीं लेखक हूँ लेकिन उन्होंने रंगों के प्रयोग और प्रस्तुतिकरण की विविधता से चौंका दिया है। ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स सोसायटी की कला…
Read More